दैनिक मन्ना

मूढ़ ने अपने मन में कहा है, कि कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्हों ने कुटिलता के घिनौने काम किए हैं; कोई सुकर्मी नहीं।।

भजन संहिता 53:1