दैनिक मन्ना

और अपने इस पर्व्व में अपने अपने बेटे बेटियों, दास- दासियों समेत तू और जो लेवीय, और परदेशी, और अनाथ, और विधवाएं तेरे फाटकों के भीतर हों वे भी आनन्द करें।

व्यवस्थाविवरण 16:14