दैनिक मन्ना

जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थीं हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा है।

भजन संहिता 69:4