दैनिक मन्ना

चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा, और मैं ने कहा, ये तो भरमनेवाले मन के हैं, और इन्हों ने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।

भजन संहिता 95:10