दैनिक मन्ना

जितनी उस ने अपनी बड़ाई की और सुख- विलास किया; उतनी उस को पीड़ा, और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, मैं रानी हो बैठी हूं, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पडूंगी।

प्रकाशित वाक्य 18:7